कुत्ते पकड़ने के लिए नगर निगम ने निकाला लाखों का टेंडर….लेकिन रोड़ में घूम रहे आवारा गौवंसों के लिए कब निकलेगा टेंडर…?जिला प्रशाशन और नगर निगम कागजो के आदेश तक सीमित..
*विंध्य स्टोरी सतना!* वैसे तो शहर में हुए कुछ दिन पहले सीवरेज प्रोजेक्ट के विकास को लेकर समूचे मध्य प्रदेश में सुर्खियां बटोरने का काम किया है! आए दिन नित नये कारनामों को लेकर चर्चा में रहने वाले नगर निगम ने कुत्तों की व्यवस्था को लेकर लाखों का टेंडर निकाला है, रोड गली मोहल्ले में घूम रहे आवारा गौवंसों को लेकर भी क्या नगर निगम टेंडर निकलेगा…?
*आए दिन रोड़ में बैठे आवारा*
गौवंसों के कारण सडक हादसे होते रहते है, लेकिन जिला प्रशासन, नगर निगम, और यातायात की इस पर कोई पहल देखने को नहीं मिलती है सूत्रों की माने पहले भी इसी तरह कुत्तों को पकड़ने का टेंडर जारी हुआ था,लेकिन जिले वासियो को इस टेंडर का कोई सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिला! तो क्या निगम प्रशासन के टेंडर सिर्फ हवा हवाई ही होते हैं,या उनका परिणाम भी जिले वासियों को सार्थक होते देखने को मिलेगा…? या फिर पूर्व में हुए टेंडर की तरह यह भी खानापूर्ति तक ही सीमित रहेगा…?
संपादक
*विंध्य स्टोरी समाचार पत्र*