Monday, December 23, 2024
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पंचायत सचिव उर्मिला पटेल ने उड़ा दी सरकारी मंशा की धज्जियां,भ्रष्ट्राचार पर तालिया बजा रहा ये तंत्र

विंध्य स्टोरी समाचार पत्र सतना 

आज मैं इस नए जिले की जनता को खबर के माध्यम से एक ऐसा अजूबा कारनामा मुकुंदपुर सचिव उर्मिला प्रसाद पटेल का दिखाने जा रहा हु जिसे देख आप सभी अचंभित तो हो ही जायेंगे साथ विस्मरण के लिए भी मजबूर हो जायेगे। इस जिले के जिम्मेवार तंत्र की सरपरस्ती में कैसे कैसे खेल खेले जा रहे है। इसकी बानगी हम आपको दिखाने बताने जा रहे है क्योंकि निगरानी में बैठे हमारे जिम्मेवार अधिकारी या तो गहरी नींद में है या सोने का बहाना बना रहे है।

*सचिव उर्मिला प्रसाद पटेल का कमाल*

           गौर से देखिए इन दोनों सायकलों को और लगाइए इनकी कीमत का अंदाजा सोचिए कितनी गहराई तक सोचेंगे यह महज एक रिक्सा है जिसमे कचरा भरने के लिए लोहे की प्लेट लगाकर डिब्बानुमा बना दिया गया है जिसमे मोहल्ले में घूमकर कचरा भरा जाना है। इनकी कीमत का अन्दाजा आप नही लगा पाएंगे क्योकि ये रिक्से पंचायत सचिव मुकुंदपुर उर्मिला प्रसाद पटेल ने खरीदा है। हम आपको इनकी कीमत बताते है चौकियेगा नही दिल थाम के पढ़ियेगा ये दोनों रिक्सो की कीमत 4,50,000 चार लाख पचास हजार रु है। आप सभी तो कीमत जानकर चौके गए होंगे लेकिन संबंधित विभाग में बैठे जिम्मेवार अधिकारी नही चौके और धड़ल्ले से उर्मिला प्रसाद पटेल ने कारनामा कर राशि आहरित कर ली अब इसमें हिस्सेदार कौन कौन था ये अभी न पूछियेगा क्योकि यह अभी जांच का विषय है। वैसे आप सभी का इशारा हम समझ रहे है कि किस ओर है लेकिन ……?

 

*बड़ा मिठाइखोर सचिव है उर्मिला पटेल*

    सचिव उर्मिला की अगर चल जाये तो यह ग्राम पंचायत क्या जनपद पंचायत और जिला पंचायत को हवा में बेचने का माद्दा रखता है। विगत दो माह जनवरी और फरबरी में ग्राम पंचायत मुकुंदपुर में ₹24,000 जी हा चौबीस हजार की मिठाई पचा ली गयी क्योकि इसका भुगतान मिष्ठान दुकान संचालक संतोष कुमार गुप्ता को किया गया है। अब इतनी मिठाई किस फंक्शन में बाटी गयी क्या उर्मिला पटेल के ग्राम पंचायत में कोई बारात आई थी ये भी जांच का विषय है। लेकिन उर्मिला पटेल के साहस और कारनकामो को सलाम की इसे भ्रष्ट्राचार करने में कोई डर नही लगता सरेआम दिन को रात साबित करने में इसे महारत हासिल है। पूरा तंत्र इसके कारनकामो के सामने बौना नजर आ रहा है तमाम भ्रष्ट्राचार न तो जिम्मेवार जनपद के अधिकारी को दिख रहा न क्षेत्र के एसडीएम न जिला पंचायत न ही कलेक्टर मैहर को आखिर क्यों? क्या ये उर्मिला पटेल की व्यक्तिगत जागीरदारी है कि जो चाहे जैसा चाहे भ्रष्ट्राचार करे और जिम्मेवार मूक दर्शक बने रहे। लेकिन कब तक वैसे लोग अब दबी जुबान यह कहने लगे है कि जब से मैहर नया जिला बना अधिकारियों के गैर जिम्मेवाराना पूर्ण रवैया के कारण भ्रष्ट्राचार की नई इबारत क्षेत्र में लिखी जा रही है जिसे देखने सुनने वाला कोई नही। लेकिन जिम्मेवार ये न समझे कि इनके बाद कोई नही इनके ऊपर भी लोग है जिन तक उर्मिला के भ्रष्ट्राचार की कहानी पहुँचेगी।

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