Saturday, December 6, 2025
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धान की मिलिंग की नीति में संशोधन करने की उठी आवाज

धान की मिलिंग की नीति में संशोधन करने की उठी आवाज

 

प्रशासनिक लापरवाही से बनाए गए नियमो से परेशान मिलर एसोसिएशन ने नियमो के संशोधन करने को ले कर पहुंचे कलेक्ट्रेट कार्यालय रीवा।

 

प्रति – प्रमुख सचिव महोदय, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण

एवम प्रतिलिप के रूप में 

01 प्रबंध संचालक महोदय, नागरिक आपूर्ति निगम रीवा

 

प्रमुख सचिव महोदय, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण

02. कलेक्टर महोदय, जिला-रीवा ।

03. क्षेत्रीय प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम रीवा।

04. जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम रीवा ।

 

   आपको बता दे की बीते वर्षों से राइस मिल का व्यवसाय तेजी से बढ़ा लेकिन आज इस व्यवसाय में ग्रहण सा लगने लग गया है, इससे चिंतित राइस मिल एसोसिएशन ने 30 नवंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय रीवा में पहुंच कर ज्ञापन प्रस्तुत कर निम्न मांग रखी

 

विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग नीति जारी की गई है। उक्त जारी मिलिंग नीति अनुसार मिलिंग करने में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा. फलस्वरूप उक्त मिलिंग नीति में निम्न बिन्दु अनुसार संशोधन अति आवश्यक है :-

 

01. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग के पूर्व टेस्ट मिलिंग कराया जाकर सीएमआर चावल जमा करने का रेसियो निर्धारित किया जाना उचित होगा। क्योंकि उपार्जित धान में 67 प्रतिशत अनुसार चावल प्राप्त नही होता अतः टेस्ट मिलिंग उपरांत सीएमआर जमा करने का निर्धारण किया जावे।

 

2 खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग का सीएमआर चावल प्रारम्भ से ही भारतीय खाद्य निगम के साथ नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में जमा कराया जावे। क्योंकि बाद में भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा कराया जाता है और कतिपय राईस मिलर चावल जमा नही कर पाते जिससे मिलर के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के साथ बैंक गारंटी / एफडीआर राजसात करने की कार्यवाही की जाती है।

 

03. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग के प्रारम्भ में विकल्पवार दरें जारी की जावे ताकि मिलिंग प्रारम्भ से ही विकल्पवार चावल जमा चयन कर अनुबंधवार दोनो जगह चावल जमा किया जा

 

04 खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग हेतु समस्त राईस मिलरो से अधिकतम 20 से 25 लाट की बैंक गारंटी/एफडीआर प्राप्त की जाकर धान प्रदाय की जावे इससे ज्यादा किसी भी मिलर को धान प्रदाय हेतु बैंक गारंटी / एफडीआर स्वीकार न हो इसके लिए साफटवेयर में व्यवस्था लागू की जावे जिससे गोदामों में अत्यधिक भीड एवं चावल जमा करने के समय गोदामों में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न न हो।

 

05 यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यदि टेस्ट मिलिंग कराये ही मिलिंग कार्य कराया जाता है तो आपको आश्वस्त किया जाता है कि भारतीय खाद्य निगम / नागरिक आपूर्ति निगम में 1 लाट धान के विरूद्ध 1 लाट चावल जमा हेतु प्राप्त नही होता जिसके कारण मिलिंग के समय प्रतिमाह अथवा समय-समय पर कलेक्टर, जिला प्रबंधक एवं मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा मिल की भौतिक सत्यापन करने पर धान एवं चावल कम पाये जाने की पूर्ण संभावना है। अतः टेस्ट मिलिंग उपरांत सीएमआर चावल जमा का निर्धारण किया जावे या कि मिलिंग के दौरान त्वरित गति से चावल जमा करने वाले राईस मिलरो के यहाँ इस प्रकार का कोई मिल में प्रतिमाह या समय-समय पर धान चावल का भौतिक सत्यापन नहीं कराया जावे क्योंकि टेस्ट मिलिंग कर चावल का निर्धारण नहीं किया जाता है तो मिल में धान एवं चावल पूर्ण मात्रानुसार नहीं पाई जावेगी।

 

06. रीवा जिले में 90 प्रतिशत राईस मिले हुजूर, सेमरिया, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, सिरमौर ब्लाक में स्थापित है। जिले में 80 प्रतिशत धान का उपार्जन जवा, मऊगंज, हनुमना, नईगढी एवं त्योंथर ब्लाक में होता है चूंकि उक्त ब्लाक के समीप न के बराबर राईस मिले है अतः हुजूर, सेमरिया, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, सिरमौर ब्लाक में स्थापित राईस मिलो को निकटतम 2 खरीदी केन्द्र के अलावा जया, मऊगंज, हनुमना, नईगढी एवं त्योंथर ब्लाक की 2 खरीदी केन्द्रो से की जावे जिससे मिलिंग कार्य में असुविधाओं का सामना नही करना पड़े।

 

07. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की मिलिंग के पूर्व खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की किये गये मिलिंग कार्य की सम्पूर्ण राशि का भुगतान कराया जावे।

 

08. धान डीओ, डिलेवरी आर्डर एवं चावल जमा का स्वीकृति पत्रक राईस मिलरो के लागिन में प्राप्त हो इसका निर्धारण कराया जावे।

 

09. जारी मिलिंग नीति में यह भी संशोधन किया जावे कि राईस मिलर से जमा उपरांत सीएमआर चावल की क्वालिटी खराब अथवा क्षतिग्रस्त पाये जाने पर भण्डारण व्यवस्था सही ढंग से न होने अथवा भण्डारण में लापरवाही बरतने के कारण क्वालिटी खराब हुई इसके संबंध में मिलर द्वारा जमा उपरांत चावल की क्वालिटी के संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही न करने का संशोधन किया जावे।

 अपनी 9 सूत्रीय मांग को रखते हुए मिलर एसोसिएशन ने उपरोक्तानुसार बिन्दुवार जानकारी जारी मिलिंग नीति में संशोधन कर प्रविष्टि कराने की बात कही। ताकि नवीन नीति अनुसार आपकी मंशानुरूप अनुबंध कर मिलिंग कार्य प्रारम्भ किया जा सके।

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