जिले की मासूम जनता दुर्घटनाओं में जान गंवाते लोग
विध्य स्टोरी समाचार सतना/ जिले में सड़क दुघर्टनाओ की बाढ़ सी आ गई है सालों से महीने में सड़क दुघर्टना रोकने के नाम पर जिले के कलेक्टर व्दारा मीटिंग लेना चाय नाश्ते की पार्टी तक ही सीमित रह गई है क्योंकि सड़क पर होने वाली सत्तर फीसदी दुर्घटना ओवरलोड की वजह से होती है जिले में स्थित सीमेंट फैक्ट्रीयों व्दारा बेखौफ होकर ट्रको के माध्यम से ओवरलोड माल मगया और भेजा जाता है ओवरलोडिंग और गलत गतिविधियों के लिए सरकार व्दारा प्रसासनिक तंत्र बनाया है लेकिन जब यह प्रसासनिक तंत्र अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं समझता तो ऐसी घटनाएं रोक पाना मुश्किल है यही कारण है की सतना जिले में लगभग हर रोज सड़क दुघर्टनाओं में आम आदमी जान माल से हाथ धो रहा है आप देखेंगे सतना शहर के हर इन्ट्री प्वाइंट पर ओवरलोड ट्रको का जमावड़ा लगा रहता है इस रोड से कलेक्टर पुलिस अधीक्षक यातायात प्रभारी आर टी ओ सभी निकलते हैं लेकिन न जाने ऐसी कौन सी मजबूरी है की ऐसे ओवरलोड वाहनों रोड पर अवैध अतिक्रमण करने वालों पर प्रसासन कार्रवाई करने से डरता है बजार में आम चर्चा यह भी है की फैक्ट्रियों और ओवरलोड वाहनों के मालिकों व्दारा हर महीने एक तय रकम ऊपर से नीचे तक पहुंचाई जाती है यही कारण है की प्रसासनिक तंत्र केवल पंचनामा और पोस्ट मार्टम तक सीमित रह गई है और आम जनता अपनी जन मानस सड़क दुघर्टनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं!